Skip to main content

एलियम सीपा होम्योपैथिक औषधि का उपयोग / Use of allium cepa.

एलियम सीपा औषधि का उपयोग सर्दी जुकाम में किया जाता है। यह दवा वायरल इन्फेक्शन से होने वाली सर्दी जुकाम को पूर्णतया ठीक करता है।

लक्षण:- नाक और आंखों से पानी का टपकना, लगातार छींक आना, नाक में खुजली होना, आंखों का लाल हो जाना और सर में दर्द बना रहना यह सारे सिम्टम्स जुकाम के होते हैं।

सहायक उपचार:- नींबू, शहतूत, प्याज, पुदीना, चना, गुड़, राई, अदरक आदि के सेवन करने से जुकाम के लिए लाभदायक होता है। आप घर पर काढ़ा भी बनाकर पी सकते हैं जो जुकाम को पूर्णतया ठीक करने का काम करेगा।

होम्योपैथिक औषधि:- यदि ऐसे सिम्टम्स किसी मरीज में पाए जाते हैं तो उसे एलियम सीपा औषधि देने की जरूरत होती है वह निश्चित तौर पर ही ठीक हो जाएगा।

खुराक:- एलियम सीपा औषधि को दिन में तीन बार पानी में मिलाकर दे।

Comments

Popular posts from this blog

कब्ज (Constipation) के घरेलू उपचार।

आज के समय में ज्यादातर लोग कब्ज से परेशान है। लोगो के खान पान की वजह से कब्ज जैसे बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ता है। समय पर भोजन ना कर पाना और बाहर की तली भूनी चीज़ों को चटकारे के साथ खाना ये सब हमारे पेट में कब्ज जैसी बीमारी बनाने का सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जाता है। यदि हम अपने खानपान को नियमित टाइम से खाना शुरु कर दें, तो हमारा पेट कब्जमुक्त हो सकता है। और बाहर की तली भुनी चीजों पर निर्भरता हम कम कर दें तो निश्चित ही पेट संबंधित जितने भी विकार हैं, वह सब ठीक हो सकते हैं।           फिर हाल अगर आप कब्ज से परेशान है तो अभी आप इन   घरेलू उपचार से अपने आप को कब्ज मुक्त कर सकते हैं।                                                                    सेब :- सुबह नाश्ते में एक सेब और शाम के भोजन में एक सेब नियमित रूप से खाने से कब्ज तथा ...

होम्योपैथी (HOMEOPATHY)

HOMEOPATHY:-  शब्द दो ग्रीक शब्द होम्योज (HOMOIOS) याने सदृश (SIMILAR) और पैथोज (PATHOS) अर्थात दुख: भोग या रोग (SUFFERING) शब्दों से बना है। दोनों शब्दों का अर्थ हुआ सदृश रोग चिकित्सा। सदृश रोग चिकित्सा का सरल अर्थ है। जो रोग जिस औषध के सेवन से उत्पन्न हुआ, उसी रोग के लक्षणों में वही औषधि दो। उदाहरण के लिए, आप कच्चे प्याज को कांटे। थोड़ी देर प्याज काटने पर नाक और आंखों से पानी गिरने लगेगा। जुकाम जैसी स्थिति होगी इसी जुकाम में प्याज से बनी औषधि एलियम सीपा  देनी पड़ती है। ऐसा दूसरा उदाहरण आप मिर्च खाइए अधिक मिर्च खाने से पेट में जलन होगी जब किसी रोगी के पेट में जलन हो तो मिर्च से बनी औषधि कैप्सिकम दो जलन मिट जाएगी। अतः होम्योपैथी में औषधि प्रयोग के लिए रोगी में जैसे रोग लक्षण देखो वैसे ही लक्षणों वाली औषधि रोगी को दे दो रोग दूर हो जाएगा। यह सिद्धांत " सम: सम शमयति" ( SIMILIA SIMILIBUS CURANTUR) कहलाता है।                 औषधि प्रयोग:-  होम्योपैथी में औषधि प्रयोग का नियम उपरोक्त वर्णित है। कैसा भी रोग ...

ARGENTUM NITRICUM (अर्जेंटम नाइट्रिकम) औषधि का उपयोग।

डॉक्टर एलेन का कहना है, जब कोई कमजोर, छिड़ देह, मांस छिड़ युक्त(दुबला), धासे हुए गाल, धसी आंखो वाला और बूढ़ों जैसे शरीर वाला रोगी दिखाई दे तो उस समय अर्जेंटम नाइट्रिकम का स्मरण करना चाहिए अर्थात उस रोगी को होम्योपैथिक औषधि  अर्जेंटम नाइट्रिकम  की आवश्यकता होती है।    लक्षण:- नमक और मिठाइयों के लिए इच्छा, गर्मी में खड़ा नहीं हो सकता, ऊंचाई से नीचे की ओर नहीं देख सकता। सिर चकराना:-  यह सिर चकराने पर मेरे अनुभव की सफल औषध है। सिर दर्द के साथ सिर में चक्कर आना, किसी ऊंचे मकान की ओर देखते ही सिर में चक्कर आना। सिर में चक्कर आने के साथ कान में भो-भो की आवाज और सुस्ती, कमजोरी हाथ पैर कांपना आदि लक्षण भी रहते हैं। रोगी के सिर चकराने का नाम लेते हैं सर्वप्रथम इस औषधि को देना चाहिए। दस्त:- टट्टी करते समय पर पर्र-पर्र की आवाज होती है, बहुत वायु निकलती है, वायु के वेग से मल बिखर जाता है। उपचार:- ऐसे रोगी को अर्जेंटम नाइट्रिकम 3 time सुबह, दोपहर, शाम को देना चाहिए।